अलीगंज सेक्टर-ई में रविवार दोपहर घर के बाहर खेल रही तीन साल की मासूम को एसयूवी ने रौंद दिया। पहिये के नीचे आने से बच्ची की मौत हो गई। हादसे से आक्रोशित परिजनों व इलाकाई लोगों ने सीतापुर हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन किया। पुलिस अफसरों ने इन्हें समझाकर शांत किया। इस दौरान हाईवे पर यातायात बाधित रहा। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और एसयूवी भी बरामद कर ली गई है।
मूलरूप से सीतापुर के संदना निवासी अभिषेक राजवंशी परिवार के साथ अलीगंज सेक्टर-ई में रहते हैं। रविवार दोपहर करीब एक बजे उनकी तीन साल की बेटी राधिका राजवंशी उर्फ कशिश घर के बाहर खेल रही थी। इसी बीच इलाके का कुनाल सिंह अपनी एसयूवी से वहां से गुजरा और राधिका उसकी गाड़ी के नीचे आ गई। इससे बच्ची की जान चली गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। शाम करीब साढ़े चार बजे परिजन जब शव लेकर घर पहुंचे तो सीतापुर हाईवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे। सूचना पर एसीपी अलीगंज ब्रजनारायण सिंह समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों ने उनसे आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। अफसरों ने शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म कराया। इस बीच करीब 40 मिनट तक यातायात बाधित रहा। शाम करीब साढ़े छह बजे पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
मोड़ पर हुआ हादसा, बच्ची को खुद ले गया ट्रॉमा
डीसीपी एआर शंकर के मुताबिक मामले की जांच की गई तो सामने आया कि एसयूवी की रफ्तार अधिक नहीं थी। जब आरोपी टर्न ले रहा था उसी दौरान बच्ची चपेट में आ गई। हादसा होते ही कुनाल ने एसयूवी रोकी और घायल बच्ची को ट्रॉमा पहुंचाया। उसी ने पर्चा भी बनवाया, लेकिन जैसे ही डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित किया, वह ट्रॉमा से चला गया। पूछताछ में कुनाल ने बताया कि वह डर गया था, इसलिए भाग गया था। एसयूवी कुनाल के भाई की कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। कुनाल बैंकों के लिए बतौर कलेक्शन एजेंट काम करता है।
बच्ची को देख कांप गई रूह
बीच सड़क पर मासूम राधिका को खून से सना देखकर हर किसी की रूह कांप गई। लोग उसको उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। तभी चीखते चिल्लाते हुए उसके पिता अभिषेक पहुंचे और बेटी को गोद में उठाया। इसके बाद उसे ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। हादसे के बाद राधिका की मां अनीता व दो भाइयों के अलावा अन्य परिजन बदहवास हो गए।
आरोपी बोला, बच्ची मुझे नहीं दिखी
पुलिस ने आरोपी से लंबी पूछताछ की। इसमें उसने बताया कि वह घर से निकलकर मुख्य सड़क पर जा रहा था। मोड़ के पास उसको बच्ची नहीं दिखी। जब लगा कि कोई पहिये के नीचे आ गया है तो तुरंत ब्रेक लगाई, लेकिन तब तक गाड़ी बच्ची के ऊपर चढ़ चुकी थी।