नोएडा प्राधिकरण यूनिटेक को आवंटित करीब 13 एकड़ जमीन वापस लेने जा रहा है। ये प्लाट खाली है इन पर यूनिटेक की ओर से कोई परियोजना लॉन्च नहीं की गई और न ही कोई निर्माण किया गया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में भी इस जमीन का कोई उल्लेख नहीं है। जहां डेवल
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दरअसल ग्रुप हाउसिंग प्लाट नंबर जीएच-3 सेक्टर-144 करीब 100,400 वर्गमीटर का आवंटन मार्च 2011 में यूनिटेक को किया गया। मौके पर 96751.50 वर्गमीटर जमीन ही उपलब्ध थी। इस कारण 16 जुलाई 2015 को यूनिटेक के नाम लीज डीड कर दी गई। 23 जुलाई 2015 को आंव टी ने प्लाट पर कब्जा ले लिया
मुख्य प्लाट को चार भागों में बांटा दो खाली
11 सितंबर 2015 को यूनिटेक के अनुरोध के बाद प्लॉट जीएच-3 को चार भागों में विभाजित किया गया। जिसमें जीएच-3ए, जीएच-3बी, जीएच-3सी और जीएच-3डी है। जीएच-3ए सेक्टर-144 करीब 30,247.4 वर्ग मीटर, और जीएच-3बी, 21,494.8 वर्ग मीटर ये दोनों ही प्लाट यूनिटेक लिमिटेड के पास है। ये दोनों ही प्लाट मौके पर खाली है। इसके अलावा 21,494.8 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला प्लाट जीएच-3सी, गुलशन होम्स एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया। 23,504.50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाला प्लाट जीएच-3डी, गुलशन होम्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया था।
जमीन वापसी के लिए SC से प्राधिकरण करेगा अनुरोध
दोनों भूखंड पर 392 करोड़ बकाया
लीज डीड शर्तों के अनुसार, यूनिटेक को जीएच-3ए और 3बी पर 15 जुलाई 2022 तक परियोजना का निर्माण पूरा करना था। 30 अप्रैल, 2024 तक आंव टी पर इन भूखंड के लिए 392.82 करोड़ रुपए बकाया थे। इसके अतिरिक्त, टाइम एक्सटेंशन शुल्क अलग था। इनका भुगतान नहीं किया गया।
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
और न ही डेवलपर की ओर से इन दोनों उप विभाजित भूखंड के लिए कोई विकास योजना लाई गई। साइट पर कोई अनधिकृत निर्माण नहीं हुआ है। इसके अलावा, कोई परियोजना शुरू नहीं की गई है। परिणामस्वरूप इन भूखंड से कोई घर खरीदार नहीं जुड़ा है। इसके अतिरिक्त 26 अप्रैल, 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में इन दोनों भूखंडों का उल्लेख नहीं किया गया है। जिससे नोएडा प्राधिकरण के लिए आवंटन रद्द करने और भूमि को पुनः प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है।