अलीगढ़ शहर के बाजारों में 24 मार्च को जमकर अबीर-गुलाल उड़ा। सौ साल से भी अधिक पुरानी परंपरा को निभाते हुए व्यापारियों ने टेसू के फूलों की होली खेली। दोपहर 12 बजे शुरू हुई ये होली करीब 4 बजे तक चली। विभिन्न जगहों पर ठंडाई घुटी। खास बात यह रही कि बाजार की होली शांतिपूर्वक रही।
होली खेलने के लिए व्यापारियों ने एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी। 23 मार्च शाम बड़े-बड़े ड्रमों में अपनी दुकानों के बाहर टेसू के फूल भिगो दिए थे। होली खेलने के लिए इस बार भी नगर निगम ने पानी उपलब्ध कराया। व्यापारियों ने बाजार बंद कर होली खेली। धूल वाले दिन (आज) सभी बाजार बंद रहेंगे। इसलिए व्यापारी एक दिन पहले ही होली खेलते हैं।
व्यापारी नेता प्रदीप गंगा ने बताया कि बाजार में होली खेलने की परंपरा करीब सौ सालों से भी ज्यादा पुरानी है। सभी व्यापारी इसका पालन करते हैं। ट्रांसपोर्टर श्रीकिशन गुप्ता ने बताया कि बाजार की होली का अपना अलग ही आनंद है। हर जगह गुलाल उड़ता है। टेसू के फूलों से होली खेली जाती है।
इन बाजारों में खेली होली
शहर के रेलवे रोड, अब्दुल करीम चौराहा, कनवरीगंज, छिपैटी, महावीरगंज, देहली गेट, बारहद्वारी, पड़ाव दुबे, मामू भांजा, मानिक चौक, हाथरस अड्डा, सराफा बाजार, सब्जी मंडी बाजार, खैर रोड, गूलर रोड, देहली गेट, मसूदाबाद आदि बाजारों में जमकर होली खेली गई।
कपड़े फाड़ तारों पर लटकाए
बाजार में होली के दौरान युवाओं में एक दूसरे के कपड़े फाड़ने का खासा चलन है। जिसके बाद कपड़ों को तार पर लटकाने की होड़ रहती है। रविवार को युवकों ने एक दूसरे के कपड़े फाड़े बाद में इन कपड़ों को तारों पर लटका दिया।