हाईकोर्ट के आस – पास के इलाकों में जलभराव से जल्द राहत मिलेगी। इसके लिए वहां नए सिरे से काम होगा। आईआईटी रुड़की टीम ने इसको लेकर सर्वे किया है। उसके हिसाब से काम किया जाएगा। करीब 200 करोड़ रुपए से वहां जलभराव को दूर किया जाएगा। जलभराव क्यों हो रहा है इसको लेकर जनवरी 2024 में आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों की कमेटी बनी थी। सर्वे में पाया गया कि मौजूदा जल निकासी का जो सिस्टम है, वह महज 45 एकड़ क्षेत्रफल का है। मौजूदा आबादी और क्षेत्रफल हो देखते हुए अब यह काम 237 एकड़ में होगा। पानी निकलने के लिए जगह कम रहता था। ऐसे में इलाके में पानी भर जाता था। हाईकोर्ट के आस- पास का इलाका गहरा क्षेत्र में भी आता है। यहां कभी आस- पास काफी तालाब भी हुआ करते थे। 10 लाख लोगों को मिलेगा फायदा यहां जलभराव दूर से करीब 10 लाख लोगों को राहत मिलेगी। लखनऊ- अयोध्या रोड और कमता बस अड्डा होने की वजह से काफी लोगों का आना- जाना रहता है। इसके अलावा इंदिरा नगर, सुरेंद्र नगर, पटेल नगर समेत कई इलाकों को मिलाकर 3 लाख की नियमित आबादी भी रहती है। बताया जा रहा है कि अगर शासन की तरफ से बजट जारी हो गया तो टेंडर प्रक्रिया कराते हुए नवंबर के महीने में काम भी शुरू कर दिया जाएगा। 8 महीने में तैयार हो जाएगा प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट को तैयार होने करीब 8 महीने का समय लगेगा। ऐसे में देखा जाए तो जून 2025 तक यहां काम पूरा भी हो सकता है। ऐसे में अब पूरा ध्यान शासन से मिलने वाले बजट पर होगा। गोमती नगर में भी विकल्पखंड, विभवखंड, विक्रांतखंड, विशेषखंड एक, विनायकखंड तीन, विक्रमखंड पांच, विनीत खंड और वास्तुखंड के लोगों को भी इससे राहत मिलेगी। इन इलाकों में नए नाले तो बनेंगे ही साथ ही साथ पुराने नालों की डिजाइन बदली जाएगी। नगर निगम के चीफ इंजीनियर महेश वर्मा का कहना है कि पहले यह काम नगर निगम को करना था लेकिन अब काम एलडीए करेगा। उनको रिपोर्ट भेज दी गई है।
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