उत्तर प्रदेश सरकार के विशाल और पेपरलेस बजट-2024 को विशेषज्ञों ने समावेशी विकास वाला बजट बताया है। उनके मुताबिक 24 करोड़ रुपये की नई योजनाएं विकास को गति देंगी। सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए बजट आवंटित किया गया है
बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य व अर्थशास्त्र की प्रो. पूनम सिंह का कहना है कि निश्चित रूप से एक समावेशी और संतुलित बजट पेश किया गया है। इसमें समाज के सभी वर्गों और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों- कृषि, निर्माण, उद्योग, स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा ,निर्धन वर्ग, युवा, रोजगार, पर्यटन विकास आदि को समान रूप से ध्यान रखते हुए धनराशि आवंटित की गई है। राजकोषीय घाटा, राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3.46 तक रखना निश्चित रूप से सरकार की बड़ी उपलब्धि है और प्रदेश की अच्छी आर्थिक स्थिति का प्रतीक है ।
“ई-श्रम ” पोर्टल पर आठ करोड़ से अधिक कामगारों का पंजीकरण उनकी मांग और पूर्ति के मध्य संतुलन बनाने में सहायक होगा। उच्च शिक्षा को व्यवसायपरक बनाने और उद्योगों में कौशल वाले युवाओं की मांग को पूरा करने के लिए भी सरकार ने सराहनीय कदम उठाए हैं। नए विश्वविद्यालयों की स्थापना, नवीन पाठ्यक्रमों का संचालन, मेडिकल और इंजीनियरिंग में सीटों में वृद्धि आदि विद्यार्थियों के लिए अच्छा कदम है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
आगरा काॅलेज के अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. शरद चंद्र भारद्वाज के मुताबिक यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसमें युवाओं, किसानों व महिलाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। इस बजट में सेमी कंडक्टर इकाइयों की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। धर्मार्थ मार्गों के विकास लिए 1750 करोड़ रुपये की राशि निश्चित रूप से स्वागत के योग्य है। राज्य मार्गों का चौड़ीकरण भी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बजट में गांवों के लिए 18 से 19 घंटे बिजली आपूृर्ति की व्यवस्था की बात कही गई है। साथ ही बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी आधारभूत जरूरतों के लिए भी पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है। कुल मिलाकर यह बजट समावेशी विकास वाला है।