कासगंज के अमांपुर मेंपुलिस हिरासत में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने के वाले युवक गौरव की उपचार के दौरान मौत के बाद से ही परिवार में चीत्कार मचा हुआ था, लेकिन यह चीत्कार उस समय और तीव्र हो गया जब अंतिम संस्कार के लिए युवक गौरव के शव को ले जाया जा रहा था। मां, बुआ, बहन सभी बेहद आक्रोशित थे। वे रोने के साथ ही चीख-चीखकर पुलिसकर्मियों को देखते हुए बार-बार यही कह रहे थे कि वर्दी बालिन ने मेरो लल्ला खाए लओ…।
बुधवार रात को युवक के शव के पास विलाप करती महिलाओं की जुबां से ऐसे ही आक्रोश भरे शब्द निकलते रहे। गौरव की मां उर्मिला देवी, बुआ सरला, बहन पूनम, पिंकी और राधा बार-बार चीत्कार कर रही थीं और पुलिस के खिलाफ आक्रोश के स्वर उनके मुख से निकल रहे थे। ऐसी स्थिति में हर किसी का मन द्रवित हो रहा था। परिवार की महिलाएं और रिश्तेदार महिलाएं बार-बार रो रोकर बेसुध हो रहीं थीं।
पहले सभी महिलाएं घर के आंगन में बैठी थीं, लेकिन जैसे ही अर्थी अंतिम संस्कार के लिए निकली वैसे ही महिलाएं बेसुध होकर पछाड़ खाकर जमीन पर ही बैठ गईं। गांव में चीत्कार का यह मंजर हर किसी को द्रवित कर रहा था। परिजनों की सिसकियां बुधवार दोपहर से शुरू हुईं और लगातार बृहस्पतिवार को बनी रहीं।