सपा विधायक इरफान सोलंकी एक साल पहले उस समय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर में आ गए थे, जब उनकी करीब 100 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई थी। इसके बाद से ईडी अपने स्तर पर अंदर ही अंदर जांच कर रही थी। इसके बाद गुरुवार को भारी भरकम टीम के साथ इरफान, उनके भाई, चाचा और दो सहयोगियों के यहां छापा मारा।
दरअसल, जाजमऊ में एक प्लॉट में आगजनी के बाद 26 दिसंबर 2022 को सपा विधायक इरफान सोलंकी को गैंग लीडर बनाते हुए रिजवान, शौकत पहलवान, इजराइल आटेवाला और मोहम्मद शरीफ के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई थी। विवेचना में हाजी अज्जन, मुर्सलीन उर्फ भोलू और मन्नू रहमान को भी शामिल किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 27 मई 2023 को 1450 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद अलग-अलग कार्रवाई में इरफान की करीब 100 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। ईडी के सूत्रों की मानें तो इसी के बाद ईडी ने नजर रखनी शुरू कर दी थी। उसमें अहम सबूत और तथ्य सामने आने के बाद कार्रवाई की गई।
काले धन और बेनामी संपत्तियों को लेकर हुई थी जांच
ईडी सूत्र बताते हैं कि सपा विधायक और उनके करीबियों की संपत्तियों और काले धन को लेकर पहले तथ्य जुटाए गए थे। यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि जो संपत्तियां जब्त हुईं, आखिरकार उसे खरीदने के लिए पैसे कहां से आए। जमीनों पर अगर जबरन कब्जा किया गया है तो कार्रवाई क्या हुई।