गंगा और पांडु नदी दोनों ही नदियों में भारी मात्रा में अशुद्धियां जाते हुए पाई गईं।
लाख कवायदों के बाद भी गंगा और पांडु नदी को दूषित होने से बचाया नहीं जा पा रहा है। गंगा नदी में जहां नालों का पानी सीधे गिराया जा रहा है तो वहीं, पांडु नदी में बिनगवां एसटीपी का अशोधित जल मिलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर जब इसकी वीडियो रील के माध्यम स
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UPPCB की टीम जब मौके पर पहुंची तो सच्चाई जान दंग रह गई। यूपीपीसीबी ने जलनिगम, नगर निगम को जानकारी देने के साथ ही एसटीपी का संचालन कर रही कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गंगा में भारी मात्रा में गंदगी गिरते हुए पाई गई।
टीम ने किया निरीक्षण जाजमऊ परिक्षेत्र में स्थित शीतला बाजार नाले एवं वाजिदपुर नाले से बिना ट्रीटेड सीवेज सीधे गंगा नदी में निस्तारित हो रहा है। पंकज कुमार ने बिनगंवा क्षेत्र में संचालित 210 एमएलडी एसटीपी से अशोधित पानी को पांडु नदी में गिराने का वीडियो शेयर किया है। जिसका संज्ञान लेने जब यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा टीम के साथ पहुंचे तो मामला सच मिला।
UPPCB ने मांगा जवाब निरीक्षण के दौरान सीवेज गंगा नदी में निस्तारित होता पाया गया। जिसपर अमित मिश्रा ने जलनिगम को पत्र लिखकर कहा है कि यह स्थिति अत्यन्त आपत्तिजनक है। उन्होंने यहां स्थापित सीवेज पम्पिंग स्टेशनों का संचालन सुचारू रूप किये जाने के निर्देश दिये हैं, और जवाब मांगा है।
12 में से 3 पंप ही संचालित मिले यूपीपीसीबी क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जब बिनगंवा क्षेत्र में संचालित 210 एमएलडी एसटीपी का निरीक्षण किया तो यहां एसटीपी के इनलेट पर स्थापित मेन पम्पिंग स्टेशन (एमपीएस) में स्थापित 12 पम्प में केवल 03 पम्प ही संचालित पाए गए।
कंपनी को थमाया गया नोटिस एसटीपी के आउटलेट से निस्तारित होने वाले शोधित उत्प्रवाह को पाण्डु नदी में छोड़ने से संबंधित ड्रेन क्षतिग्रत पाया। यहां बड़ी मात्रा में गंदगी फैली मिली। इस पर कार्यदायी संस्था केआरएमपीएल को नोटिस दी गई है।