सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी-जेडी(एस) ऑपरेशन लोटस के जरिए राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। राज्य में बीजेपी कभी भी लोगों के आशीर्वाद से सत्ता में नहीं आई है।
कर्नाटक में जारी सिसायी वार-पलटवार के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा दावा किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायक रविकुमार गौड़ा ने मुझे बताया कि भाजपा हमारे विधायकों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है। ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए ही बीजेपी कर्नाटक में सत्ता में आई थी। वे कभी भी जनता के आशीर्वाद से सत्ता में नहीं आये। 2008 और 2019 में वे ‘ऑपरेशन लोटस’ और बैकडोर एंट्री के जरिए सत्ता में आए।
सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी-जेडी(एस) ऑपरेशन लोटस के जरिए राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। राज्य में बीजेपी कभी भी लोगों के आशीर्वाद से सत्ता में नहीं आई है। उन्होंने कहा कि 136 विधायकों की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना आसान बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कल राज्य सरकार के मंत्री, विधायक और एमएलसी राज्यपाल से मिलेंगे और उनसे पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, शशिकला जोले, जनार्दन रेड्डी निरानी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का आग्रह करेंगे।
भाजपा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन ‘घोटाले’ के सिलसिले में सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग कर रही है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत कार्यकर्ता प्रदीप कुमार एस पी, टी जे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा की अर्जियों में उल्लिखित कथित अपराधों में अभियोग चलाने की मंजूरी दी। सिद्धरमैया ने 19 अगस्त कोराज्यपाल के आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया।