बलरामपुर जिला न्यायालय ने गुरुवार को एक दुष्कर्म मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आरोपी नसीम पुत्र चिनगुद को 10 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई है। इसके साथ ही उस पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मामला 6 अगस्त 2017 का है, जब आरोपी ने
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पीड़िता के पिता ने 6 अगस्त 2017 को पचपेड़वा थाने में तहरीर दी थी, जिसमें आरोपी नसीम पर आरोप लगाया गया कि उसने उनकी बेटी के साथ घर में घुसकर जबरन दुष्कर्म किया और बाद में जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
न्यायालय का फैसला
मुकदमे की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से कई गवाह और साक्ष्य पेश किए गए। अभियोजन पक्ष ने आरोपी को दोषी साबित करने के लिए मजबूत सबूत अदालत में पेश किए। सभी गवाहों और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी नसीम को दोषी करार दिया और उसे 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
परिवार की प्रतिक्रिया
पीड़िता का परिवार अदालत के इस फैसले से संतुष्ट है और उन्होंने न्यायपालिका का आभार व्यक्त किया। परिवार का कहना है कि इस फैसले ने उन्हें न्याय दिलाया है और अब उन्हें इंसाफ मिला है। यह फैसला बलरामपुर जिले में न्यायिक प्रक्रिया की सख्ती और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।